अब कैसे वापस जाऊं मैं
रिश्ता निभाते निभाते बहुत दूर निकल आई मैं
अब कैसे वापस जाऊं पहली की उन दिनों में !
उसी के साथ ही सुकून मिलता हैं मुझे
भले ही वो तकलीफ़ ही क्यों न दे मुझे ;
वादा किया था...
अब कैसे वापस जाऊं पहली की उन दिनों में !
उसी के साथ ही सुकून मिलता हैं मुझे
भले ही वो तकलीफ़ ही क्यों न दे मुझे ;
वादा किया था...