उसने मुझे मेरे ही कत्ल का जिम्मेदार ठहरा दिया
क्या मैं अभी भी सब पहले जैसा चाहती हूं
क्या मैं उसे अभी भी वापस पाना चाहती हूं क्
या मैं वही लौट जाना चाहती हूं
जहां से आजाद होकर आई हूं
नहीं, मैं नहीं लौट जाना चाहती
उसने तो मुझे ही गुनहगार ठहरा दिया
खुद गलत होकर मुझे ही गलत ठहरा दिया
हमारे रिश्ते का कातिल होने के बावजूद
उसने मुझे कातिल बना दिया
उसने मुझे मेरे ही कत्ल का जिम्मेदार ठहरा दिया
सही तो है,गलती मेरी ही तो है
न जाने कैसे मैं उसे इतना हक दे दिया कि
आज उसने मुझे सही होते हुए भी गलत ठहरा दिया
उसने मुझे मेरे ही कत्ल का जिम्मेदार ठहरा दिया ...
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© @Aayushi_Yadav
#Hindi #hindipoems #writcoapp
क्या मैं उसे अभी भी वापस पाना चाहती हूं क्
या मैं वही लौट जाना चाहती हूं
जहां से आजाद होकर आई हूं
नहीं, मैं नहीं लौट जाना चाहती
उसने तो मुझे ही गुनहगार ठहरा दिया
खुद गलत होकर मुझे ही गलत ठहरा दिया
हमारे रिश्ते का कातिल होने के बावजूद
उसने मुझे कातिल बना दिया
उसने मुझे मेरे ही कत्ल का जिम्मेदार ठहरा दिया
सही तो है,गलती मेरी ही तो है
न जाने कैसे मैं उसे इतना हक दे दिया कि
आज उसने मुझे सही होते हुए भी गलत ठहरा दिया
उसने मुझे मेरे ही कत्ल का जिम्मेदार ठहरा दिया ...
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