...

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!...हकीकत कुछ और है...!
देख कर आया है कैलाश को फिर ढोंगी
दूषित गंगा से पवित्र करता है मन योगी

माला लिए जपते है जाप हजारों भोगी
नफरतो तैश में रहता है यहां पर जोगी

लाशों से सने घाट पर बस लाशे है इंसा के
तालियों पर खूब तालियां बजवाते है मोदी

देख मेरे देश में सड़को पे खड़े किसानों को
हक की आवाज उठाओ तो लड़ते है फौजी

कर्ज माफ हो जाते है गर खरीदो सरकार
गरीबों के लिए है यहां बस राशन की रोटी

© —-Aun_Ansari