...

2 views

चिड़िया का नीड़...
चुन-चुन कर लाती थी दाना
खुशियों से भरती थी घर सारा
सपनों से प्यारा अपना आशियाना
अधिसत्ता बदल गई शायद या
वक्त ही ना उसका हो पाया
पहले था जो नीड़ उसका सयाना
अब लगने लगा है उसे बेगाना...

#writcopoem
#Lifeatdawn
© khushaboo