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वादे हजार करने से पहले .....❤️
चोरी चोरी मिलनेे मिलाने से पहले,
bike riding पर जाने से पहले,
सपनों की उड़ाने भरने से पहले,
ख्वाइशों के पहाड़ चढ़ने से पहले,
एक दूसरे पर मरने से पहले,
college bunk कर movie जाने से पहले,
लाखों झूठे बहाने बनाने से पहले,
आधी रात तक chat पे बतियाने से पहले,
अंधी मोहब्बत के गीत गाने के पहले,
उसकी बातों में खोने से पहले,
कंधे पे सिर रख के रोने से पहले,
shopping पे जाने से पहले,
बाबू के हाथो " थाना " थाने से पहले,
और ना जाने क्या क्या करने से पहले,
क्या आपने अपने....
parent's से permition ली थी ???
नहीं ना ???
तो फिर क्यूं..
जब बात शादी की आती है तो
मेरी mumma नहीं मानेगी !!
मेरे daddy नही मानेंगे !!
जैसी बातें कर के अपना पल्ला क्यों झाड़ लेते हो यार ??
और फिर क्यों खत्म हो जाता है तुम्हारा कई बरसों का प्यार !!
अचानक क्यों जग जाते हैं तुम्हारे संस्कार,
और फिर क्यों बन जाते हो तुम श्रवण कुमार,
वो इसलिए .... क्यों कि असल में वो प्यार होता ही नहीं है वो सिर्फ एक शारीरिक आकर्षण होता है या फिर एक सोची समझी साजिश !!
जब तक उनका मन होता है वो एक दूसरेे के जज्बातों के साथ खेलते हैं और अपना दिल बहलाते हैं और फिर एक न एक दिन सच्चाई सामने आ जाती है और फिर वो अलग हो जाते हैं...... पर जब तक वो एह समझ पाते है .....बहुत कुछ खो देते हैं....... शायद अपना वो नादानी वाला प्यार भी और career भी !!
इसलिए दोस्तों प्रेम अवश्य करें किंतु माता पिता के मान सम्मान और प्रतिष्ठा पर आँच ना आने पाए इस जिम्मेदारी का भी खयाल रखें 🙏🙏
क्यों कि ...वो रिश्ता कभी मुकम्मल नहीं
जिसमें मां बाप की दुआएं शामिल नहीं !!!
© Rekha pal
bike riding पर जाने से पहले,
सपनों की उड़ाने भरने से पहले,
ख्वाइशों के पहाड़ चढ़ने से पहले,
एक दूसरे पर मरने से पहले,
college bunk कर movie जाने से पहले,
लाखों झूठे बहाने बनाने से पहले,
आधी रात तक chat पे बतियाने से पहले,
अंधी मोहब्बत के गीत गाने के पहले,
उसकी बातों में खोने से पहले,
कंधे पे सिर रख के रोने से पहले,
shopping पे जाने से पहले,
बाबू के हाथो " थाना " थाने से पहले,
और ना जाने क्या क्या करने से पहले,
क्या आपने अपने....
parent's से permition ली थी ???
नहीं ना ???
तो फिर क्यूं..
जब बात शादी की आती है तो
मेरी mumma नहीं मानेगी !!
मेरे daddy नही मानेंगे !!
जैसी बातें कर के अपना पल्ला क्यों झाड़ लेते हो यार ??
और फिर क्यों खत्म हो जाता है तुम्हारा कई बरसों का प्यार !!
अचानक क्यों जग जाते हैं तुम्हारे संस्कार,
और फिर क्यों बन जाते हो तुम श्रवण कुमार,
वो इसलिए .... क्यों कि असल में वो प्यार होता ही नहीं है वो सिर्फ एक शारीरिक आकर्षण होता है या फिर एक सोची समझी साजिश !!
जब तक उनका मन होता है वो एक दूसरेे के जज्बातों के साथ खेलते हैं और अपना दिल बहलाते हैं और फिर एक न एक दिन सच्चाई सामने आ जाती है और फिर वो अलग हो जाते हैं...... पर जब तक वो एह समझ पाते है .....बहुत कुछ खो देते हैं....... शायद अपना वो नादानी वाला प्यार भी और career भी !!
इसलिए दोस्तों प्रेम अवश्य करें किंतु माता पिता के मान सम्मान और प्रतिष्ठा पर आँच ना आने पाए इस जिम्मेदारी का भी खयाल रखें 🙏🙏
क्यों कि ...वो रिश्ता कभी मुकम्मल नहीं
जिसमें मां बाप की दुआएं शामिल नहीं !!!
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