...

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🤫खामोशी 🤫
ये खामोशी मुझे मार रही है..
जैसे खंजर चला रही है..
झकझोर रही है..
दफ़न कर रही है..
मेरे वजूद की हर एक दीवार आहिस्ता आहिस्ता गिरा रही है..
मेरी खामोशी मुझे खुद में दफना रही है..
हर रिश्ते से खुद को दूर कर रही है..
सबकी नजरों से खुद को दूर करती जा रही है..
इन खुली फिजाओं में खुद को कहीं गुम कर दिया है..
खुद को खुदा के...