...

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🤫खामोशी 🤫
ये खामोशी मुझे मार रही है..
जैसे खंजर चला रही है..
झकझोर रही है..
दफ़न कर रही है..
मेरे वजूद की हर एक दीवार आहिस्ता आहिस्ता गिरा रही है..
मेरी खामोशी मुझे खुद में दफना रही है..
हर रिश्ते से खुद को दूर कर रही है..
सबकी नजरों से खुद को दूर करती जा रही है..
इन खुली फिजाओं में खुद को कहीं गुम कर दिया है..
खुद को खुदा के हवाले कर दिया है..
खुद को उस डमरू वाले 🕉 के हवाले कर दिया है..
वो परम आत्मा है उसने दुनिया को थाम रखा है..
हर परिंदे को वो खुदा ऊँचाइयों से नवाजता है..
शायद मुझे भी अपनी छाया में पनाह देता है..
मेरी हर मुश्किल घड़ी में मेरे साथ खड़ा है..
यकीनन वो मुझे भी सुन रहा है..
मेरे छिपे हर दर्द तकलीफ़ को वो अल्लाह , शिवा🕉 महसूस कर रहा है..
अपना, पराये का दर्द, बातों की बातों से तकलीफ़ होने का दर्द हो रहा है..
बस
फ़िल्हाल मेरी ख़ामोशी खंजर जैसे मुझे मार रही है..
by क्षमा सैनी 👑😎