तू ही तू है मुझमे
भोर हुई उषा की किरणें ज्यों मेरे चेहरे पे पड़ीं..
यूँ लगा कि जैसे तुमने माथा मेरा चूम लिया हो..
जब मेरे बदन को छू गए सर्द हवाओं के झोंके..
यूँ लगा कि जैसे तुमने बाहों में भर लिया मुझे..
हल्की सी भी आहट कोई कहीं सुनाई देती है.....
यूँ लगा कि जैसे तुमने माथा मेरा चूम लिया हो..
जब मेरे बदन को छू गए सर्द हवाओं के झोंके..
यूँ लगा कि जैसे तुमने बाहों में भर लिया मुझे..
हल्की सी भी आहट कोई कहीं सुनाई देती है.....