...

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आख़री लम्ह़ें
दर्द, भटकन, थकन, डूबती शाम का
राग छेड़ो मुह़ब्बत के अंजाम का

ये कहाँ ले के आई है मजबूरियाँ
पल मयस्सर नहीं कोई आराम का

ऐ...