...

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छोटा सा संसार
मेरे पास एक बहुत ही प्यारा घर था
घर में बहुत ही प्यार एक संसार था
सब दिल से एक दूसरे को पसंद करते थे
फिर एक ऐसा दिन आया
जिन अखो में एक दूसरे के लिए प्यार और भाई चारा था
उन्हें एक दूसरे के लिए नफ़रत पैदा हुई
एक ऐसी सुनामी आई कि मानो सब कुछ बहा के ले गई
सारे रिश्ते छूट गये
सारे अपने रूठ गए
अपनों को कैसे बताएं सब अपने-अपने हैं
अब लोगो को कैसे समझाऊ मै कि सब रिश्ते अपने हैं
चलो मान लिया एक से गलती हुई...दूसरो से वी गलती हुई
पर क्या एक गलती की सज़ा इतनी बड़ी हो गई
भाईचारा ख़त्म होने पे आ गई
कैसे इन्हे बताऊ मै सारे उंगली बराबर नहीं एक छोटी एक बड़ी
लेकिन जब सब मिलती तब एक हथेली बनती
कैस इन्हे बत्ताउ मै सब रिश्ते अपने हैं ,अपने हैं अपने हैं



© miss pandey