...

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तेरा इश्क़ तेरी आरज़ू
तिरा इश्क़ ही अब मिरी बंदगी है
तिरी आरज़ू ही मिरी ज़िंदगी है

ख़बर ना लगी कब हुई है मुहब्बत
इसी से मिरी अब तो ताबिंदगी है

मिरे रब कभी ना ख़फ़ा मुझसे होना
मिरी अब तो तू ही शम-ए-ज़िंदगी है

नसीबा मिरा अब तिरे हाथ में है
अगर तू...