...

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मोहब्बत
आसमान मे उड़ते उड़ते
अपने घोसले की तरफ मुड़ती चिड़िया
खुशी से चहचहाते देखे
हमें हो गयी मोहब्बत उससे
छोटे-छोटे पेड़ों पर रंग बिरंगे खिले हुए फूल
अपनी जड़ों से जुड़े हुए
टहनियों पर रहे झूल हमें हो गयी मोहब्बत उनसे
इक बन मुर्गी जाने कहां से आयी थी
उसके छोटे-छोटे बच्चे थे
फिर ना जाने क्या हुआ
बिछड़ गयी वो अपने बच्चों से
बार बार ढुंढ रही
बोल बोल कर बुला रही है
उसके दर्द से हमें हो गयी मोहब्बत
परिंदा ,पौधा ,फूल, पत्ती
धरती,आसमान
गर कोई परेशान रहता इंसान
हमें सबसे है मोहब्बत
हम इसमें कुछ नहीं कर सकते
परमात्मा ने हमें भेजा ही इसीलिए है
सबको खुद से मोहब्बत करना
सिखाने के लिए ।।