...

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जन्मदिन मुबारक
तुमने तो सदैव ही मुझसे बहुत लड़ाई की है
हमेशा ही दूसरों की, मेरे समक्ष बड़ाई की है
कितना कहूँ,मुझसे कहनेवाली बातें ही नहीं बन रही
और लगता है भय से तुम्हारे मेरी कलम ही नहीं चल रही
जितनी भी बातें अपने लेखन मे लिखी है तुमने, उसमें से ज्यादातर का मैंने भी आभास किया है
और लिखकर उसको व्यक्त करने का मैंने भी भरपूर प्रयास किया है
इक बात तुम्हारी है जो तुमको बनाती है अलग सबसे
सबसे लड़ना,लड़कर मिलना और किसी को भी समझाना बड़े जतन से
तुम्हारी जो हरकते हैं जो अक्सर होती हैं टामबाॅय वाली
सबको अच्छी लगे न लगे मुझको लगती हैं मन मोहने वाली
अब तो तुम हेड गर्ल हो, ये तो और भी अच्छा है
कुछ लोगों को छोड़कर और सभी को कहाँ पता कि मन अभी बी तुम्हारा बच्चा है
मैं तो यही सोचता रहता हूँ कि कैसे कोई तुमसे ये कहेगा
गुस्सा होती तो ऐसे हो जैसे तुमसे हमेशा ही कोई डरेगा
चलो अब इतना तो हास्य विनोद करना...