...

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उठे कलम जब
मंच को सादर नमन।
*विषय उठे कलम जब।*
जब-जब कलम उठे, एक क्रांति का आगाज किया
अस्त्र-शस्त्र को चुनौती देकर , समाज में राज किया।
कलम की ताकत को समझना आज की प्रथम प्राथमिकता है,
सभ्य समाज की यह स्तम्भ है
सत्यनिष्ठा की कहानी है।
कलम की ताकत बेमिसाल
युगों-युगों की सिमटी हिसाब है,
कलम धारण करने वाले
हर सवाल के जवाब है।
मन -मस्तिष्क की भावनाओं की
लिखित एक किताब है,
समाज को दर्पण दिखाने की
यही उपयुक्त माध्यम है।
गुजरे कितने घटनाओं की
जीती- जागती दर्शन है,
रुबरु करवाते बिन बोले ही
न रुकने की यह संघर्ष है।
🙏🙏🙏