एक मुद्दत से घर जाएंगे
बुरे दिनों का दुःख नहीं, दिन हैं दिन तो गुज़र जायेंगे।
दुःख यह है तब तक कुछ दोस्त, दिल से उतर जाएंगे।
मेरे अजीजों के दुःख भी , सोचो कि कितने अजीब हैं।
यह सोच कर सो नहीं पाते, हम इस बार सुधर जाएंगे।
मैं इस डर से डरा हुआ हूं, ना पहचाना तो क्या होगा ?...
दुःख यह है तब तक कुछ दोस्त, दिल से उतर जाएंगे।
मेरे अजीजों के दुःख भी , सोचो कि कितने अजीब हैं।
यह सोच कर सो नहीं पाते, हम इस बार सुधर जाएंगे।
मैं इस डर से डरा हुआ हूं, ना पहचाना तो क्या होगा ?...