यकिनन जिंदा हो तुम
अब भी चोट लगने पर आंसू बहाते हो तुम
मन की चीज ना मिलने पर घर सर पर उठाते हो तुम
अपनी पसंद का खाना देख खुश हो जाते हो तुम
तो यकिनन जिंदा हो तुम
अब भी सबसे मिलने की चाहत रखते हो तुम
बिना सोचे अजनबियों से बातें करते हो तुम
लड़खड़ाते वक्त सम्हलने को किसी और की ओर हाथ...
मन की चीज ना मिलने पर घर सर पर उठाते हो तुम
अपनी पसंद का खाना देख खुश हो जाते हो तुम
तो यकिनन जिंदा हो तुम
अब भी सबसे मिलने की चाहत रखते हो तुम
बिना सोचे अजनबियों से बातें करते हो तुम
लड़खड़ाते वक्त सम्हलने को किसी और की ओर हाथ...