हसी ओढ़ लेता हूं ज़ख्मों पर अपने
सिर्फ़ तन्हाई है साथ मेरे
ख़ुश रहेंगे शायद वो बाद मेरे
कोई समझता नहीं कभी जज़्बात मेरे
बहुत बुरे चल रहे हैं हालात मेरे
जब भी लगता है सब ठीक होने लगा है
दिल पर मरहम असर कर रहा है
तभी कुछ ऐसा हो जाता है की
टुकड़े दिल के और भी...
ख़ुश रहेंगे शायद वो बाद मेरे
कोई समझता नहीं कभी जज़्बात मेरे
बहुत बुरे चल रहे हैं हालात मेरे
जब भी लगता है सब ठीक होने लगा है
दिल पर मरहम असर कर रहा है
तभी कुछ ऐसा हो जाता है की
टुकड़े दिल के और भी...