आकाश और विशव।
आकाश के इस निराले रंग को देखकर,
आती है मुझे हंसी दुनियावालों पर,
के इस प्रकृति के विशालकाय बनावट को ना है खुद पर घमंड ना है खुद पर नाज़,
तो इस दुनिया में क्यूं भरे पड़े हैं इतने धोखेबाज।
इस विशालकाय और मनमोहक आकाश में छुद्र सी भी ना है घमंड,
फिर तुम में क्यूं है गर्व इतना प्रचंड।
आकाश की...
आती है मुझे हंसी दुनियावालों पर,
के इस प्रकृति के विशालकाय बनावट को ना है खुद पर घमंड ना है खुद पर नाज़,
तो इस दुनिया में क्यूं भरे पड़े हैं इतने धोखेबाज।
इस विशालकाय और मनमोहक आकाश में छुद्र सी भी ना है घमंड,
फिर तुम में क्यूं है गर्व इतना प्रचंड।
आकाश की...