वाकिफ़ ज़िन्दगी से
हर मुकाम में मंजिल ने,
राहों ने कितना साथ दिया,
बस कुछ अनजान लोगों के कारण,
पल-भर में यूँ राह बदनाम हुआ।
अपना समझकर लोगों ने,
कितना उस पर विश्वास किया,
समय के बुरे हालात ने उसे,
बुरे लोगों से वाकिफ़ करवाया।
इस कदर चलते लोगों का जीवन,
ज़िन्दगी भी देख उसे शर्मसार हुआ।
© Srishti Morya
राहों ने कितना साथ दिया,
बस कुछ अनजान लोगों के कारण,
पल-भर में यूँ राह बदनाम हुआ।
अपना समझकर लोगों ने,
कितना उस पर विश्वास किया,
समय के बुरे हालात ने उसे,
बुरे लोगों से वाकिफ़ करवाया।
इस कदर चलते लोगों का जीवन,
ज़िन्दगी भी देख उसे शर्मसार हुआ।
© Srishti Morya