...

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दिगंबर की विरासत
रुद्रांश आया घर में, लहराई छाती,
छोटा सा बालक, पर भाले सी बाती!
तेवर में महादेव, नज़र में ज्वाला,
दादा दिगंबर की छवि का उजाला!

गोद में उठा के जब देखूँ तुझे,
ऐसा लगे जैसे साक्षात् जगे!
नयनों में भाले, ललाट पे जटा,
भोले का प्रतिरूप, तू महाकटा!

हाथ में तेरे शक्ति की छाप,
तेरे हर रोने में गूंजे प्रताप!
अभी तू नन्हा पर रगों में है आग,
महाकाल का अंश,...