...

6 views

मोहब्बत
मन चंचल, दिल चंचल, जुबान भी चंचल थी उसकी, हुई बात फोन पर जब मन में मेरे गजब सी हलचल थी...

आसान नहीं होता किसी अजनबी से दिल लगाना और जब हो जाए मोहब्बत तो उसे एकदम से भूल जाना...

चढ़ा था परवाने इश्क मेरे भी पर रखे थे जज्बात अंधेरे में ही, चुपचाप देखता और सहता रह गया और इस गलतफहमी में मेरा इश्क किसी और का मोहताज हो गया..

आती है याद उसकी अभी भी आंखें और दिल नम हो जाता , पता नहीं क्यों चेहरा उसका दिमाग से नहीं निकल पाता?