...

10 views

आखिर बेटी है क्या ?
priyanka sahu

बताओ कैसा लगता है
जब एक ही कोख से
जन्मे दो लोगो में फर्क
किया जाता है
वोभी सिर्फ इस लिए
की वो लड़की है
और वो लड़का
ऐसे समाज से कोई
ये क्यों नहीं पूछता
की तुम भी तो वही
औरत हो जिसने मुझे
जन्म दिया
फिर भी क्यों मैं ना
भाऊ तुम्हे
लड़का जना तो तुम रानी सी
मुझे जना तो नौकरानी सी
आखिर गलती मेरी क्या
पूछती ये सवाल वो लड़की
जिसने सहे अत्त्याचार
खाने में भेदभाव
कपडे में भेदभाव
पढाई में भेदभाव
और सम्मान देने में भेदभाव
लड़की है तो कम इज्जत दो
लड़का घर का चिराग है
उसे रोशन करते रहो
मगर वो बेटी जो किसी का
जहाँ रोशन करने वाली है
उसे अंधेरो में रखो बंद कमरों में
रख कर प्रताड़ित करो
पहले खुद के घर में बंदी बने वो
फिर किसी और के घर में
क्या उसके कोई सपने नहीं
क्या उसके कोई खवाब नहीं
क्या वो इंसां. नहीं
जिसके अंदर भी दिल है
जो मजबूर है
अपनों के उपकार के खातिर
वो दिन रात सब सह जाती है
मायके में सुक्रिया करती है
की उसे पैदा किया बस इस बात
के लिए ससुराल में अपने पति
का सुक्रिया करती है
जो उसे ये अधिकार जो दिया इस
लिए
क्या कभी किसी ने उस बेटी का सक्रिया किया कभी
की मेरे घर के आगाँन को महकने के लिए सुक्रिया
कभी कोई तकलीफ न देने के लिए सुक्रिया