...

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भूली बिसरी यादें
आज फिर उसी नुक्कड़ से गुज़री है
मेरी यादें...!
सुकून को तलाशती
मेरी यादें....!
देखा पुराने दरख्तों को....
वहां मुरझा गई हो जैसे
उनकी यादें....!
आज फिर अनायास ही चली आई मेरी यादें.....!
आधी रात होने को थी नींद नहीं थी
आंखों में .......
चुपके से फिर कुछ सुना गई उनकी
यादें.…..!
❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️
© kit🫰