...

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उम्मीद
चल उम्मीदों की डोरी से ख्वाब अपने बुनते चल
चल झूठ की इस दुनिया में,सच को चुनते चल।

दर्द हे जो सीने में ,उसे सहता चल 
चल इस ज़िन्दगी के समन्दर में अपने हौसलों कि नाव में बहता चल।

जिन विचारो ने चारों और से घेरा है तुझे 
चल अब उन्हें भी अपनाता चल।

जो बीच रास्ते में साथ छोड़ चले गए, उनसे अब उम्मीद छोड़ता चल ,
जिन हवाओं ने सब कुछ उजाड़ा था ...