वजूद
वजूद....
निशा कुछ नये,
कुछ पुराने थे,,
खंडहरों की टूटीं दीवारो पर,
आज भी...
निशा कुछ नये,
कुछ पुराने थे,,
खंडहरों की टूटीं दीवारो पर,
आज भी...