...

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जिदगी के पल
ये ज़िन्दगी का उसूल है,
जो बिछड़ गया उसे भूल जा,

जो मिला है दिल से लगा कर रख,
जो नहीं मिला उसे भूल जा

ना वो धूप था ना वो चांदनी,
ना चिराग़ था ना वो रौशनी,

वो खयाल था कोई ख़्वाब था,
वो था आइना उसे भूल जा,

वो जो तेरे दिल के क़रीब था,
वो ना जाने किसका नसीब था,

तुझे हंस कर उसने भुला दिया,
तू भी मुस्कुरा के उसे भूल जा।


© amy_s