शाम!
एक शाम फिर गुलाबी हो गयी..
रोशनी की चमक आधी हो गयी..
हवा में बहती उदासी हो गयी!
तुम फिर उतरना आँखो में, ...
रोशनी की चमक आधी हो गयी..
हवा में बहती उदासी हो गयी!
तुम फिर उतरना आँखो में, ...