...

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खोया हू खुद में
#ख्वाबोंकीदुनिया

हक़ीक़त से कोसों दूर होता हू
ज़ब भी अपने नज़दीक हुज़ूर होता हू

ज़ब भी निकलता हू सुकून की तलाश में
कुदरती करिश्मो के करीब ज़रूर होता हू

ज़हा चाहत और नफरत का कोई मतलब नहीं
बस उन्ही लम्हो में खुशियों मे _मै चूर होता हू

खुला आसमान मैं और मेरे अरमान
आज़ाद परिंदे सा दिल हालातो से ना मज़बूर होता हू

ज़ब भी अपने नज़दीक हुज़ूर होता हू
© V K Jain