खोया हू खुद में
#ख्वाबोंकीदुनिया
हक़ीक़त से कोसों दूर होता हू
ज़ब भी अपने नज़दीक हुज़ूर होता हू
ज़ब भी निकलता हू सुकून की तलाश में
कुदरती करिश्मो के करीब ज़रूर होता हू
ज़हा चाहत और नफरत का कोई मतलब नहीं
बस उन्ही लम्हो में खुशियों मे _मै चूर होता हू
खुला आसमान मैं और मेरे अरमान
आज़ाद परिंदे सा दिल हालातो से ना मज़बूर होता हू
ज़ब भी अपने नज़दीक हुज़ूर होता हू
© V K Jain
हक़ीक़त से कोसों दूर होता हू
ज़ब भी अपने नज़दीक हुज़ूर होता हू
ज़ब भी निकलता हू सुकून की तलाश में
कुदरती करिश्मो के करीब ज़रूर होता हू
ज़हा चाहत और नफरत का कोई मतलब नहीं
बस उन्ही लम्हो में खुशियों मे _मै चूर होता हू
खुला आसमान मैं और मेरे अरमान
आज़ाद परिंदे सा दिल हालातो से ना मज़बूर होता हू
ज़ब भी अपने नज़दीक हुज़ूर होता हू
© V K Jain