...

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कोशिश
चाह नही कुछ पाने की
बस कोशिश है , हर किसी
को अपना बनाने की .......

एक मुसाफिर हूं मैं इस
जिंदगी का , ना जाने कब
सफर खत्म हो जाए ,
इसलिए एक कोशिश है
हर चेहरे पर मुस्कुरान
सजाने की ...........

फूल बन मै हर गली गली
मेहकू ...... कोयल की उस
कू कू , सा जो भी बोलूं मीठा
हो स्वर मेरा ......

पीछे एक ऐसा व्यक्तित्व
बनाकर छोड़ जाऊ .....

मै रहू या ना रहू
मेरे जाने के बाद भी
जिक्र हो ज़रा मेरा ...…

कोशिश यही है उनकी
यादों में जब मेरा नाम
आए , आंखो में नमी की
जगह मुस्कान आए .....!

# सच्चे जज़्बात ❤️



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