...

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प्रेम
प्रेम का अर्थ किसी को पाना या खोना नहीं होता
प्रेम मे‌ तो खुदको समाहीत किया जाता है
एक-एक पल‌ करके पुरा जीवन प्रेम केलिए जीया जाता है
प्रेम मे मैं उसका या वह मेरी है,नहीं!
वह और मै एक है,शरीर नहीं आत्मीक तह से हम एक है माना जाता है
प्रेम को बिछड़न और मिलन नहीं जीवन माना जाता है।

॥ राधे राधे॥
© Premyogi
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