...

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व्यस्तता में खुशियों की अस्तता
व्यस्त जीवन में प्रेम हुआ अस्त,
खुशियों की किरण में प्रेम की लहर हुई खत्म।
ना टूटे तारे से उम्मीद,ना बहती लहरों से प्रीत,
व्यस्त रहना ही है हमारी रीस।
समंदर किनारे बैठ लहरों को देखना,
ख्वाबों में ही रह गया है प्रेम को...