...

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तेरे दर पे सनम चले आये
कहीं भी #ज़िक्र अपनी बर्बादी की नहीं की हमने
बस देखते रहे फ़क़त हम कि वो तो संवर जाए

दर्द की मरहम समझ तेरे दर पे चले आये,,
आफते ऐसी थी की बचने चले आये,

हमने समझा था मर्ज हमारा बस तेरे पास है..
आंख खुली तो जाना कोई मसला ही नहीं मेरे साथ है,,

जरूरतों के शहर में हम यूंही भटकते चले आये,,
अजीब सिलसिला है की तुम्हारी कमी से चले आये,,

माफ करना
ऐ-दिल 💞
बस ये सोचकर
तेरे दर पे सनम चले आये