...

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साल का आख़री दिन
साल का आख़री दिन आने वाले नए साल के लिए बहुत कुछ दिये जा रहा है
ऐसे रहेंगे कैसे जियेंगे कल के लिए आज एक पहचान दिये जा रहा है
यकीन दिया भरोसा दिया प्यार दिया रिश्ते दिया जाते जाते बहुत कुछ दिया
ना रास्ते की खबर थी ना ज़िन्दगी का पता बिखरे थे हम समेट लिया
उम्मीद सारी टूटी थी हर लकिरे रूठी थी ज़िन्दगी जीने की नई उमीदे दिया
आया ज़िन्दगी मे जो मसीहा बनके उससे जीने का तरीका सिखाया
लड़खड़ाए ज़ब भी सहारा दिया ज़ब आये अंधेरा तो हर बार रौशनी दिखाया
नए साल का क्या नया तो हर दिन है ज़ब मेरा खुदा मेरे साथ है
अब मुश्किलों से डर नही लगता ना कोइ फ़िक्र है ज़ब तक हाथो मे तेरा हाथ है