जंजीर
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर,
रुख हवा का मोड़कर,
कर राह के कांटे कम;
चल रहे हैं देखो हम,
व्यवस्था के विरोधी हम,
सदर अदालत के दोषी बन,
कर हवा का रुख नम,
बढ़ रहे है देखो हम;
कफन सर पे ओढ़कर,
खुद के रास्ते जोड़कर ,
हर जमीं का अपना बन,
चल रहे हैं देखो हम।
इन जंजीरों को तोड़कर,
रुख हवा का मोड़कर,
कर राह के कांटे कम;
चल रहे हैं देखो हम,
व्यवस्था के विरोधी हम,
सदर अदालत के दोषी बन,
कर हवा का रुख नम,
बढ़ रहे है देखो हम;
कफन सर पे ओढ़कर,
खुद के रास्ते जोड़कर ,
हर जमीं का अपना बन,
चल रहे हैं देखो हम।