तेरा नाम लेते ही
तेरा जिक्र होते ही मन प्रफुल्लित हो उठता है
मेरे ही जज्बात मुझ पर ही हाबी होने लगते है
चारों दिशाओं में तेरा ही अक्स नजर आता है
तुझे याद करते ही धड़कने बढ़ने लगती है
चाह कर भी अपनी धड़कनों पर काबू नहीं प पाता
तुम वो मीठा एहसास हो...
मेरे ही जज्बात मुझ पर ही हाबी होने लगते है
चारों दिशाओं में तेरा ही अक्स नजर आता है
तुझे याद करते ही धड़कने बढ़ने लगती है
चाह कर भी अपनी धड़कनों पर काबू नहीं प पाता
तुम वो मीठा एहसास हो...