सुनो....
सुनो
कभी हम तुम ग़र कहीं मिले तो
हम अपने प्यार की दास्ता लिखेंगे ।।
कुछ फ़ुरसत के लम्हे लेकर आना
हम तेरे नाम हर शाम लिख देंगे ।।
तेरे इंतजार में बैठे हैं हम फ़ुरसत में
तुम आओ तो दिल की बात कहेंगे ।।
मेरा प्यार इबादत से कम तो नहीं
तेरा जिक्र हम अल्फाजों में करेंगे ।।
तेरे बिना हर लम्हा कैसे गुजारा हमने
आ मिलकर हम सारा हिसाब लिखेंगे ।।
तेरी याद में कितना रोये वो हाल कहेंगे
तू आए तो हम मुक्कमल की किताब लिखेंगे ।।
Nishu __
कभी हम तुम ग़र कहीं मिले तो
हम अपने प्यार की दास्ता लिखेंगे ।।
कुछ फ़ुरसत के लम्हे लेकर आना
हम तेरे नाम हर शाम लिख देंगे ।।
तेरे इंतजार में बैठे हैं हम फ़ुरसत में
तुम आओ तो दिल की बात कहेंगे ।।
मेरा प्यार इबादत से कम तो नहीं
तेरा जिक्र हम अल्फाजों में करेंगे ।।
तेरे बिना हर लम्हा कैसे गुजारा हमने
आ मिलकर हम सारा हिसाब लिखेंगे ।।
तेरी याद में कितना रोये वो हाल कहेंगे
तू आए तो हम मुक्कमल की किताब लिखेंगे ।।
Nishu __