...

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एक नई और अनकही कविता
हरी-भरी वादियों में बसा,
पर्वतों का गहरा संगीत,
नदियों की कलकल ध्वनि में,
झरनों का मृदु गीत।सूरज की किरणें बिखेरें,
रंगों का अद्भुत खेल,
बादलों की छाँव में सिमटे,
प्रकृति का अनमोल मेल।हरियाली की चादर ओढ़े,
धरती करती स्वागत,
फूलों की खुशबू में बसी,
जीवन की हर आहट।पंछियों का मधुर संगीत,
हर सुबह का नया रंग,
प्रकृति का ये नजारा,
हर दिल में बस जाए उमंग।एक नई और अनकही कविता,
जो प्रकृति खुद लिखती है,
हर पत्ता, हर फूल, हर बूँद में,
जीवन की कहानी बुनती है।
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