गुज़र (GUZAR)
ग़ज़ल (गुज़र)
गुज़र जा जो गुजरती है,
शमा हर रंग में जलती है।
तेरे चाहे ना कुछ होगा,
ज़िंदगी यूं ही चलती है।
आशियां ख़्वाबों के...
गुज़र जा जो गुजरती है,
शमा हर रंग में जलती है।
तेरे चाहे ना कुछ होगा,
ज़िंदगी यूं ही चलती है।
आशियां ख़्वाबों के...