वीणा वादिनी तू वर दे
वर दे वर दे वर दे वीणा वादिनी तू वर दे,
हम भक्तों पर स्वर अमृत का सिंचन तू कर दे।
निर्मल मन कर तन सुदृढ़ कर शुद्ध बुद्धि का वर दे,
जय हे जय हे जय हे हंस वाहिनी जय हे।
मन म हमारेें तेरी भक्ति की ज्योत...
हम भक्तों पर स्वर अमृत का सिंचन तू कर दे।
निर्मल मन कर तन सुदृढ़ कर शुद्ध बुद्धि का वर दे,
जय हे जय हे जय हे हंस वाहिनी जय हे।
मन म हमारेें तेरी भक्ति की ज्योत...