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क्रांति
क्रांति

आओ मिल करने चले,अन्याय विरूद्ध क्रांति
आजादी को याद करो,तब भी हुई थी क्रांति
चाहे हो महंगाई से,चाहे हो बुराई से
छेड़ो जंग मैदान में ,आ करो प्रेम की क्रांति।

हर तरफ हो क्रांति,हर सर-जमीं पर क्रांति
आजादी में भगत गुरु सुखदेव की हुई क्रांति
तिरंगे के मान में, तिरंगे की शान में
मां माटी की शपथ से हुई थी पावन क्रांति ।

जातिवाद के दीमक से , बाबा साहेब की क्रांति
पानी पीने मंदिर जाने, हुई थी तब भी क्रांति
आंसुओं के सम्मान में,भेदभाव अवसान में
पाखण्डों के ताल पर हुई कबीर संत की क्रांति ।

अंग्रेज़-फिरंगी तुम्हें भगाने , हुई सत्तावन क्रांति
आये तुर्कीयाई भगाने हुई थी तब भी क्रांति
हुई प्राचीन काल में, हुई मध्य काल में
उन गैरों को यहां से भगाने,छेड़ी हमने क्रांति

इटली, U.S., चीन, जर्मनी और फ्रांस की क्रांति
तानाशाही खत्म कराने,हुई थी भीषण क्रांति
चाहे स्टालिन, मार्क्स से, चाहे ट्रोट्स्की सनयात से
अन्याय विरूद्ध हुई यह ,जमीं से उपजी क्रांति

नील से सांमत दौर तक हुई थी रौद्र क्रांति
नेपोलियन से हिटलर तक को खदेड़ने की क्रांति
जर्मनी में बिस्मार्क से , फ्रांस रूसो राज से
आओ फिर हम साथ करें अपनी लेखन क्रांति ।

© जितेन्द्र कुमार 'सरकार'