है माटी का एक खिलौना
है माटी का एक खिलौना, रे ये दुनिया कुछ भी नहीं
ये मेरा वो मेरा कहे सब, रे किसी का कुछ भी नहीं
रे किसी का कुछ भी नहीं...........
जो हरियाली दिल को लुभाये,पतझड़ में सब खो जाता
आए वसंत जो कुछ ही काल में, बाग हरा फिर हो जाता
बाग हरा फिर हो जाता ........
है माटी का एक खिलौना, रे ये दुनिया कुछ भी नहीं
ये मेरा वो मेरा कहे सब, रे किसी का कुछ भी नहीं
रे किसी का कुछ भी नहीं...........
मात - पिता की जो उम्मिद थी वही उम्मिद को तोड़ चले
मात - पिता जो बुढे देखे क्यों उनको वो छोड़ चले
क्यों उनको वो छोड़ चले.......??
है माटी का एक खिलौना, रे ये दुनिया कुछ भी नहीं
ये मेरा वो मेरा कहे सब, रे किसी का कुछ भी नहीं
रे किसी का कुछ भी नहीं...........
बीता बचपन, गई जवानी, अब बूढ़ापा आएगा
ऐसे भी मर मर के , जी के , अब तू क्या ही पाएगा
अब तू क्या ही पाएगा.........??
है माटी का एक...
ये मेरा वो मेरा कहे सब, रे किसी का कुछ भी नहीं
रे किसी का कुछ भी नहीं...........
जो हरियाली दिल को लुभाये,पतझड़ में सब खो जाता
आए वसंत जो कुछ ही काल में, बाग हरा फिर हो जाता
बाग हरा फिर हो जाता ........
है माटी का एक खिलौना, रे ये दुनिया कुछ भी नहीं
ये मेरा वो मेरा कहे सब, रे किसी का कुछ भी नहीं
रे किसी का कुछ भी नहीं...........
मात - पिता की जो उम्मिद थी वही उम्मिद को तोड़ चले
मात - पिता जो बुढे देखे क्यों उनको वो छोड़ चले
क्यों उनको वो छोड़ चले.......??
है माटी का एक खिलौना, रे ये दुनिया कुछ भी नहीं
ये मेरा वो मेरा कहे सब, रे किसी का कुछ भी नहीं
रे किसी का कुछ भी नहीं...........
बीता बचपन, गई जवानी, अब बूढ़ापा आएगा
ऐसे भी मर मर के , जी के , अब तू क्या ही पाएगा
अब तू क्या ही पाएगा.........??
है माटी का एक...