...

26 views

बाबासाहेब आंबेडकर
जिनकी कलम पर जैसे मां सरस्वती विद्यमान है...
इंसा को इंसा बनाने वालेे वे इंसानो में भगवान है...

संविधान के वास्तुकार थे, छुवाछूत पर प्रखर प्रहार थे...
नये समाज का सपना पाले वे नवनिर्माण की हूंकार थे...

न रहे कोई पिछडा यहा, हर इंसान समान रहे...
विविधता में एकता से ही, मेरा देश महान रहे...

हर धर्म पंथ के धागो को एक दुसरे में बुनता चलू...
महापुरूषो के सपनो को वंदनगीेतो से पूजता चलू...
© Ashish Deshmukh