...

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तुम्हारी चालाकियाँ
तुम्हारी चालाकियाँ समझ आ रही हैं ,
इस रिश्ते को खोखला किये जा रही हैं !!
मुझे चाँद - तारों की तौफीक नहीं है ,
मुझे तो बस तुम्हारा ही साथ चाहिए ,
जब कोई कुछ गलत करे तब -
उसमे तुम्हारा हस्तक्षेप मुझे चाहिए !
तुम जो कहते हो ना की जाने दो ,कोई बात नहीं ,
फिर मेरे कुछ भी कहने पर -
तुम बात को यूँ पकड़ कर क्यों बैठ जाते हो !
तुम ये जो दोहरी बातें...