कोरोना
आदमी का जीवन छूटता जा रहा है, वक्त से पहले गुजरता जा रहा है, लोगों के चेहरे कुम्हला रहे है, न जाने किस भय से मुर्झा रहे है? एक अभिशप्त - सी जिन्दगी जीने को मजबूर, बेबस लाचार अंतहीन सफ़र, कोरोना का आतंक कर रहा आक्रांत!!
© Pramod Kumar
© Pramod Kumar