छान - फटक कर देखिए.....
किसी भी चीजों को बरबस यूँ ही प्रयोग में ना कभी लाइये,
उससे पहले एक बार कम -से -कम छान फटक कर देखिए।
हर जगह , हर वक़्त हर चीजों में मिलावट- सी रहती है यहाँ,
ना जाने धोखा दे दे आपको आखिर कब कौन और कहाँ ?
रिश्तें हो या कोई सामान, सबमें झूठ और फरेब की मिलावट है,
राजनेताओं की चुनावी घोषणाओं में उनके स्वार्थ की रहती आहट है ।
दाल - चावल ,मसालों में भी अक्सर धूल ,कंकड़ , दिख जाते हैं,
शुद्ध दूध -हवा- पानी अब भला सबको कहाँ मिल पाते हैं।
लोगों...
उससे पहले एक बार कम -से -कम छान फटक कर देखिए।
हर जगह , हर वक़्त हर चीजों में मिलावट- सी रहती है यहाँ,
ना जाने धोखा दे दे आपको आखिर कब कौन और कहाँ ?
रिश्तें हो या कोई सामान, सबमें झूठ और फरेब की मिलावट है,
राजनेताओं की चुनावी घोषणाओं में उनके स्वार्थ की रहती आहट है ।
दाल - चावल ,मसालों में भी अक्सर धूल ,कंकड़ , दिख जाते हैं,
शुद्ध दूध -हवा- पानी अब भला सबको कहाँ मिल पाते हैं।
लोगों...