72 views
सब बढ़िया है
अपने दुख़ दर्द छिपाने का बस बचा एक ही जरिया है जब पूछे कोई कैसे हो, हम कह देते सब बढ़िया है।चेहरे पर मुस्कान लिए, वाणी में रहते रस घोले , स्वप्न सरीखा यह जीवन जो सरक रहा हो होले होले । अश्रु किन्हें हम दिखलाए, किससे हम मन कि बात कहें ,बेहतर लगती पीड़ा अपनी , भीतरअपने चुपचाप सहे।कुछ पीड़ा सुन मुस्कुराएंगे, कुछ नमक छिडककर जायेंगे। कुछ पाप पुण्य का लगा गणित पापों का फल बतलाएंगे। किसकी जिव्हा हम पकड़ेंगे ,किस किसके होठ सिलाएंगे। ऐसा बोला तो क्यों बोला, किस किससे लड़ने जाएंगे, चुपचाप सुनेंगे तानो को दिल अपना भी एक दरिया है।फिर पूछेगा हाल कोई, तो कह देंगे सब बढ़िया है...
© All Rights Reserved
© All Rights Reserved
Related Stories
46 Likes
21
Comments
46 Likes
21
Comments