...

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राही

चलता चल तू अपनी धुन पर, क्यू सोंचे वो साथ नहीं है !
राही तुम हो राही मै हु, फिर भी मंजिल एक नहीं है !
कही नमक है कही मलाई, सबका खाना एक नहीं है !
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, कहने को सब एक नहीं हैं !
फिर भी जब प्यासा...