रक्षाबंधन
है इक रिश्ता ऐसा भी जिसमें बैंक बैलेंस,प्रापर्टी आदि की जरूरत नहीं
इस रिश्ते में कभी भी किसी कपटी की जरूरत नहीं
और इस रिश्ते को देखकर कोई ये कह नहीं सकता
कि ये रिश्ता एक अनोखे प्रेम की साझात मूरत नहीं
आज के रिश्ते में जहाँ भाई-भाई तक लड़ पड़ा
एक छोटे से भूभाग के लिए अलग होने पर अड़ पड़ा
ऐसे समय में भी ये रिश्ता यह रिश्ता डगमगाया नहीं
इस रिश्ते के प्रेम के बंधन को कोई तोड़ पाया नहीं
हाँ,हाँ वही रिश्ता जिसमें भाई भी प्राण न्योछावर करने में विचार करते नहीं
हाँ वही रिश्ता जिसमें ये सभी लड़े बिना रहते नहीं
पर ये लड़ाई चंद घंटों में भुला दी जाती है
जैसे जल में कभी शक्कर घुला दी जाती है
ये रिश्ता वो भी है जिसमें जिम्मेदारियाँ बड़ी है
रक्षण के लिए इक के,पहरेदारियाँ बड़ी हैं
और ऐसा नहीं कि इसमें इक का ही योगदान है
जो भी हो,इस रिश्ते में प्रेम ही बस प्रधान है
हाँ वही रिश्ता जो अनवरत चलता आ रहा है
सारे रिश्ते बिखर रहे हैं,ये संभलता जा रहा है
हाँ ये रिश्ता और कोई नहीं, है ये भाई-बहन का
हँसी का,ठिठोली का, लड़ाई का,जुदाई का
ऐसे ही ये रिश्ता सभी भाई-बहनों में ही बढ़ता रहे
अपने प्रेम के बलबूते नई ऊँचाईयों के आयामों को गढ़ता रहे
आप सभी को हार्दिक बधाई इस अप्रतिम पर्व रक्षाबंधन की
ऐसे ही सदैव करते रहे आप इस रिश्ते का वंदन ही
और पीछे न रह जाना जरूरत में प्राण न्योछावर करने में
रह न जाना पीछे कभी इस ऋण को भरने में
© प्रांजल यादव
#Rakshabandhan
इस रिश्ते में कभी भी किसी कपटी की जरूरत नहीं
और इस रिश्ते को देखकर कोई ये कह नहीं सकता
कि ये रिश्ता एक अनोखे प्रेम की साझात मूरत नहीं
आज के रिश्ते में जहाँ भाई-भाई तक लड़ पड़ा
एक छोटे से भूभाग के लिए अलग होने पर अड़ पड़ा
ऐसे समय में भी ये रिश्ता यह रिश्ता डगमगाया नहीं
इस रिश्ते के प्रेम के बंधन को कोई तोड़ पाया नहीं
हाँ,हाँ वही रिश्ता जिसमें भाई भी प्राण न्योछावर करने में विचार करते नहीं
हाँ वही रिश्ता जिसमें ये सभी लड़े बिना रहते नहीं
पर ये लड़ाई चंद घंटों में भुला दी जाती है
जैसे जल में कभी शक्कर घुला दी जाती है
ये रिश्ता वो भी है जिसमें जिम्मेदारियाँ बड़ी है
रक्षण के लिए इक के,पहरेदारियाँ बड़ी हैं
और ऐसा नहीं कि इसमें इक का ही योगदान है
जो भी हो,इस रिश्ते में प्रेम ही बस प्रधान है
हाँ वही रिश्ता जो अनवरत चलता आ रहा है
सारे रिश्ते बिखर रहे हैं,ये संभलता जा रहा है
हाँ ये रिश्ता और कोई नहीं, है ये भाई-बहन का
हँसी का,ठिठोली का, लड़ाई का,जुदाई का
ऐसे ही ये रिश्ता सभी भाई-बहनों में ही बढ़ता रहे
अपने प्रेम के बलबूते नई ऊँचाईयों के आयामों को गढ़ता रहे
आप सभी को हार्दिक बधाई इस अप्रतिम पर्व रक्षाबंधन की
ऐसे ही सदैव करते रहे आप इस रिश्ते का वंदन ही
और पीछे न रह जाना जरूरत में प्राण न्योछावर करने में
रह न जाना पीछे कभी इस ऋण को भरने में
© प्रांजल यादव
#Rakshabandhan