शिक्षा और उसके स्तर पर लेख.....
किसी देश या समाज के विकास का अंदाज़ा वहाँ के नागरिकों के स्वास्थ्य और शिक्षा- स्तर से ही पता चलता है।शिक्षित होने का अभिप्राय सिर्फ शुद्ध - शुद्ध पढ़ना - लिखना और बोलना आने से ही नहीं होता है अपितु उस शिक्षा का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में कहाँ तक कर पाते हैं, से होता है।आधुनिक समय में शिक्षा की गुणवत्ता और उसके स्तर में काफी गिरावट आ गयी है।आज शिक्षा का उद्देश्य जीविकोपार्जन के उद्देश्य तक ही सीमित हो गया है।नैतिक, मौलिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक शिक्षा लुप्तप्राय - सा होते जा रहा है।आज लोगों के शिक्षा के स्तर का मापन उसके शैक्षिक डिग्रियों और शैक्षिक परीक्षाओं के परिणामों से किया जाने लगा है चाहे उन डिग्रियों और परिणामों के अनुरूप उनके पास ज्ञान हो अथवा न हो।जो ...