...

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दौड़
ज़िंदगी की दौड़ कुछ ऐसी चली,
जैसे बसेरे की खोज मै निकला पंछी,
कहीं परिवार के साथ,
कहीं दोस्तो के साथ,
तो कभी तन्हाई में अपनो की याद के साथ,
जाग रही राते,
पर फिरभी निकला दिन मिली अपनो की सौगातें,
दौड़ा सारा दिन पर दिन के आखिर में मिल ही गई,
वो चंद प्यार भरी मुलाकाते।
पर आखिर में वो जीत ही गाया वो सारी राते,
मिला जीत से वो भी दुनिया भर मे नाम जताके।
-Anjali Joshi
© quotes_lover1023