...

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याद आता है
तू याद आता है मुझे
जब मोहब्बत का जिक्र चल रहा हो
हमारा डूबा हुआ रिश्ता याद आता है
जब सूरज ढल रहा हो
आंखें नम हो जाती हैं
जब पानी को बहता देखु मैं
तेरी मुस्कुराहट याद आती है
जब फूलों को खिलता देखु मैं
कड़कती धूप को देखु
तो तेरी नाराजगी याद आती है मुझे
जब ठंडी हवाओ को महसूस करु
तो वो मोहब्बत की बातें याद आती है मुझे

जब ये सूरज डूब जाता है
रात का अँधेरा छा जाता है
जब ये पानी सूख जाता है
जब वो फूल मुर्झा जाता है
जब काले बादल आने पर
वो धूप चली जाती है
जब ठंडी हवाएं गुजर जाती हैं
तब हमारा यूं बिछड़ जाना
याद आता है मुझे
© R.G. Bohra